आईपीएल 2025: सुनील नरेन और एनरिक नोकिया के बल्ले गेज टेस्ट में फेल, जानें पूरा मामला
आईपीएल 2025 में रोमांचक मुकाबले और विवाद एक साथ देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में पंजाब किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के बीच मुल्लांपुर में खेले गए मैच में केकेआर के सलामी बल्लेबाज सुनील नरेन और तेज गेंदबाज एनरिक नोकिया के बल्ले गेज टेस्ट में फेल हो गए। यह घटना क्रिकेट प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे के नियम।
क्या हुआ मुल्लांपुर के मैच में?
मुल्लांपुर में खेले गए इस हाई-वोल्टेज मैच में केकेआर की बल्लेबाजी शुरू होने से पहले रिजर्व अंपायर सैयद खालिद ने बल्लों की जांच की। इस दौरान सुनील नरेन और युवा बल्लेबाज अंगकृष रघुवंशी के बल्लों की जांच हुई। जहां रघुवंशी का बल्ला टेस्ट में पास हो गया, वहीं नरेन का बल्ला गेज से नहीं निकल पाया और इसे नियमों के अनुसार अनुपयुक्त माना गया।
इसके बाद, केकेआर की पारी के 16वें ओवर में जब तेज गेंदबाज एनरिक नोकिया नंबर 11 पर बल्लेबाजी के लिए उतरे, तो उनका बल्ला भी गेज टेस्ट में फेल हो गया। अंपायर मोहित कृष्णदास और साईदर्शन कुमार ने इसकी जांच की। नतीजतन, सब्स्टिट्यूट प्लेयर रहमानुल्लाह गुरबाज को नया बल्ला लाना पड़ा।
बल्ले की जांच के नए नियम
आईपीएल 2025 में बल्लों की जांच को और सख्त कर दिया गया है। इस सीजन से बीच मैदान पर भी बल्लों की जांच शुरू की गई है, जो पहले केवल पारी शुरू होने से पहले होती थी। नियमों के अनुसार, बल्ले के आयाम निम्नलिखित होने चाहिए:
चौड़ाई: अधिकतम 10.79 सेमी
मोटाई: अधिकतम 6.7 सेमी
किनारा: अधिकतम 4 सेमी
लंबाई: अधिकतम 96.4 सेमी
यदि कोई बल्ला इन मानकों को पूरा नहीं करता, तो उसे तुरंत बदलना पड़ता है। यह नियम खेल में निष्पक्षता बनाए रखने और बल्लेबाजों को अनुचित लाभ लेने से रोकने के लिए लागू किया गया है।
बल्ले के फेल होने का क्या असर हुआ?
सुनील नरेन और एनरिक नोकिया के बल्ले फेल होने के बाद उन्हें तुरंत नए बल्लों का उपयोग करना पड़ा। हालांकि, इस घटना का मैच के परिणाम पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा, लेकिन यह केकेआर के लिए एक झटके के रूप में देखा गया। नरेन, जो अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, को नए बल्ले के साथ तालमेल बिठाने में थोड़ी मुश्किल हो सकती थी। वहीं, नोकिया जैसे निचले क्रम के बल्लेबाज के लिए यह तकनीकी रूप से ज्यादा मायने नहीं रखता, लेकिन नियमों का पालन सुनिश्चित करना जरूरी था।
क्यों जरूरी है बल्लों की जांच?
बल्लों की जांच का उद्देश्य खेल में पारदर्शिता और समानता बनाए रखना है। आधुनिक क्रिकेट में बल्ले की बनावट और वजन बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर बनाने में मदद करते हैं। अगर बल्ले के आयाम नियमों से ज्यादा हों, तो यह बल्लेबाज को अनुचित लाभ दे सकता है। इसलिए, आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में बल्लों की जांच को प्राथमिकता दी जाती है।
प्रशंसकों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर प्रशंसकों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ प्रशंसकों ने नए नियमों की सराहना की, जो खेल को और निष्पक्ष बनाते हैं। वहीं, कुछ ने इसे अनावश्यक तकनीकी हस्तक्षेप बताया। एक यूजर ने लिखा, "नरेन जैसे अनुभवी खिलाड़ी का बल्ला फेल होना आश्चर्यजनक है। क्या यह नियम बहुत सख्त नहीं हो गए?"
आईपीएल 2025 में बल्लों की जांच के नए नियमों ने खेल में एक नया आयाम जोड़ा है। सुनील नरेन और एनरिक नोकिया के बल्ले गेज टेस्ट में फेल होने की घटना ने इन नियमों की अहमियत को और उजागर किया है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी टीमें और खिलाड़ी समान नियमों के तहत खेलें। आने वाले मैचों में यह देखना दिलचस्प होगा कि टीमें इन नियमों का कितना पालन करती हैं और क्या ऐसी और घटनाएं सामने आती हैं।
क्या आप इस घटना के बारे में और जानना चाहते हैं या आईपीएल 2025 के अन्य अपडेट्स पर नजर रखना चाहते हैं? हमें कमेंट में बताएं!
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